क्रोध कैसे खत्म करें? / How to end anger?
3/10/20251 min read


एक विदेशिका का नाम की महिला थी उसका नाम विदेशिका का था लोग उसे महाकारुणिक विदेशिका कहते थे लोग यह जानते थे कि ये एक विदेशिका है यह बड़ी करुणामयी है इसमें असीम करुणा है अनंत लोगों का कल्याण करती है सैकड़ों मील तक उसकी ख्याति थी बहुत सारे लोग उससे मिलने के लिए आते थे अपनी तकलीफों की बात करते थे और उसकी बड़ी ख्याति थी यह बड़ी करुणामयी है उस विदेशिका का के घर में एक नौकरानी थी जिसका नाम काली था काली बड़ी समझदार थी उसने सोचा मेरी मालकिन को सभी लोग करुणामय के नाम से जानते हैं बड़ी करुणा वाली जानते हैं क्या वास्तव में मेरी मालकिन करुणा वाली है क्या इन्हें क्रोध नहीं आता मुझे जांचना चाहिए और जांचने का प्रयास करने के लिए अगले दिन काली जो सुबह जल्दी उठती थी उस दिन नहीं उठी सोई रही घर का काम भी नहीं किया विदेशिका का ने देखा कि काली नजर नहीं आ रही उसने आवाज दी काली ओ काली उसने कहा जी मालकिन अरे कहां है तू दिख नहीं रही उसने कहा मालकिन मैं सो रही हूं विदेशीका का को बुरा लगा लेकिन कुछ नहीं बोली इतना कहा उठ यह काम कौन करेगा यह सोने का समय नहीं है काली उठी काम पर लगी सोचने लगी मेरी मालकिन को बुरा तो लगा होगा लेकिन वह छुपा गई क्योंकि मैं अच्छा काम करने वाली हूं इसलिए हो सकता कि मेरी मालकिन ने क्रोध ना किया हो लेकिन मैं कल फिर परीक्षा लूंगी अगले दिन वो फिर नहीं उठी विदेशीका ने फिर आवाज दी काली काली कहां है दिख नहीं रही उसने कहा मालकिन सो रही हूं आज थोड़ा सा डांटते कहा ये काम कौन करेगा अभी कोई सोने का समय है उठ काली उठी और मन में सोचने लगी मेरी मालकिन को क्रोध तो आया था लेकिन हो सकता हो छुपा गई हो क्योंकि मैं अच्छा काम करने वाली हूं इसलिए मुझे ना डाटा हो लेकिन परीक्षा तो मैं फिर लूंगी अब तीसरा दिन था काली फिर नहीं उठी और देर तक सोई रही विदेशिका का ने देखा कि काली नजर नहीं आ रही फिर आवाज दी काली ओ काली उसने कहा जी मालकिन अरे कहां है उसने कहा बस मालकिन सो ही रही हूं अब विदेशका को क्रोध आया क्रोध के साथ वो काली के कमरे तक गई दरवाजे की आगल को दिया बस इतना कहना था कि मोहल्ले बस्ती के लोग इकट्ठे हो गए काली क्या हुआ क्या हुआ उसने हुआ कुछ नहीं बस मैं सो रही थी मेरी मालकिन को क्रोध आया और आगल से मेरा सिर फोड़ दिया अब सारी बस्ती में नगर में चर्चा हो गई विदेशीका करुणामय नहीं है वो तो बड़ा क्रोध करने वाली है करुणामय नहीं है बड़ा क्रोध करने वाली है और सैकड़ों मील त जो ख्याति थी वो दमिल हो गई तथागत भिक्कुओं को कहते हैं भिक्कुओं केवल विचार से आप कारूणिक बन सकते हो लेकिन अगर कोई आपकी परीक्षा लेने लगा तो तुम भी विदेशिया की तरह से असफल हो जाओगे इसलिए बौधिक बातें ही मत करना जो मैं तुम्हें सिखा रहा हूं इसे अंतःकरण में जाकर के समझना और आचरण में उतारना ताकि कभी ऐसी परिस्थितिया आए तो तुम्हें असफलता का मुना देखना पड़े अभी तक पूरे देश में बौधिक बात हो रही थी तथागत ने ऐसा कहा तथागत ने ऐसा कहा तथागत ने ऐसा कहा बाबा साहब ने बौद्ध बनने के लिए कहा लेकिन यहां हम एक बार भी नहीं कहते कि तथागत ने ऐसा कहा तथागत ने ऐसा कहा हम तो कहते तथागत ने ऐसा करने के लिए कहा और आओ करते हैं आओ करते हैं करते हैं सुबह चार बजे उठ करके रात्रि को 9:30 बजे तक हम एक ही काम करते हैं जो आचरण को बदलने वाला है जो जीवन को संवारने वाला है जो स्वभाव को व्यवहार को रूपांतरित करने वाला है जो जीवन के दुखों का अंत करने वाला है व यही मार्ग है
