बौद्धों को शादी कैसे करनी चाहिए

तो मैं चाहता हूं कि प्रत्येक बौद्ध व्यक्ति शादी दिन में करे बिना बैंड के बिना बारात के करें अपने परिजनों को ले जाकर के सगे संबंधियों को ले जाकर के शादी करें क्या जीवन बिगाड़ना कोई आनंद की बात है लेकिन विवाह शादी के नाम पर ये सारी परंपराएं सम्मान पाती है और जीवन ठगा जाता है जीवन नष्ट होता है तो मैं चाहता हूं कि प्रत्येक बौद्ध व्यक्ति शादी दिन में करे बिना बैंड के बिना बारात के करे अपने परिजनों को ले जाकर के सगे संबंधियों को ले जाकर के शादी करें सामुदायिक भवन में शादी करें अपने घर में शादी करें लेकिन बारात टेंट और बै यह तीन बातें बोधों की शादी में नहीं होनी चाहिए खाने के लिए मैं भी मना नहीं कर रहा शादी के बाद लड़का पक्ष चाहे तो अपने सगे संबंधियों को मित्रों को पड़ोसियों को खाना खिलाए लेकिन कर्ज लेकर के ना खिलाए बैंड बजा के ना खिलाए शादी दिन में करे रात को निशाचर लोग शादी करते हैं रात को जागने वाले लोग बोधों की कोई शादी रात को नहीं [संगीत] होती अगर आप इस विचार में मेरे साथ हैं तो मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं आने वाले कुछ दिनों के बाद इस बात पर शोध शुरू होगा कि बौद्ध लोगों ने अपने जीवन को कैसे तराशा बौद्ध लोगों ने अपने जीवन को कैसे सुंदर बनाया बौद्ध लोग इस देश के बहुत लोग अपनी गरीबी से बाहर निकल कर के समृद्धि का जीवन कैसे जिए बौद्ध लोगों ने अपने आचरण को श्रेष्ठ कैसे बनाया तो धम भूमि का यह श्रेष्ठ जीवन का आंदोलन बुनियाद में दिखाई देगा और इमारत के रूप में आपके जीवन का स्वरूप नजर आएगा मैं यह बात विश्वविद्यालय प्रांगण में इसलिए कह रहा हूं मेरा विषय केवल बौद्ध अनुया से नहीं है मेरा विषय इस देश के प्रत्येक व्यक्ति के साथ है कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन सुंदर होना चाहिए इसीलिए हमने बहुत आचार संहिता बनाई उस बौद्ध आचार संहिता में यह भी एक नियम डाला है कि बहुत लोग दिन में शादी करेंगे घोड़ी पर नहीं बैठेंगे बैंड नहीं बजाएंगे बारात नहीं लेकर जाएंगे मैंने अलीगढ़ की बात शुरू की थी मैंने कई बार ऐसे बार कहा और और मुझे य बात बताते हु बड़ा फक्र है कई बार यह बात कहने के बाद एक व्यक्ति ने हिम्मत दिखाई और उन्होंने जाति शादियों में जाना और दावत खाना बंद किया बाकी हमारे सारे के सारे अनुयाई इस बात पर विचार नहीं करते रहे और मैं नाम भी बता दू वो नाम है बुद्ध अलंकार बा [प्रशंसा] उन्होंने कहा कि मैं ना तो किसी की बारात में जाऊंगा और ना मैं दावत खाऊंगा आज मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि 150 करोड़ लोगों की आबादी का देश और मेरे विचार का समर्थन करने वाला एक योधा तो है